मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 63 वें होमगार्ड स्थापना दिवस कार्यक्रम में कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने "निष्काम सेवा" अर्थात बिना किसी स्वार्थ और अपेक्षा के सत्यनिष्ठा से कर्तव्य करने का संदेश दिया है। इसी आदर्श पर चलते हुए होमगार्ड्स के जवान समर्पण, निष्ठा और सच्चाई के साथ निरंतर देश और समाज की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि होमगार्ड में ‘होम’ का अर्थ घर और ‘गॉर्ड’ का अर्थ प्रहरी होता है। आप साढ़े आठ करोड़ मध्यप्रदेशवासियों के प्रहरी हैं। होमगार्ड्स हर विपदा में सच्चे संकट मोचन बनकर जनता के साथ खड़े होते हैं। प्राकृतिक आपदा हो, भीड़ प्रबंधन हो, यातायात व्यवस्था हो या किसी भी विषम परिस्थिति का सामना करना हो—आप सदैव पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर डटे रहते हैं और समाज के सच्चे हीरो बनते हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने होमगार्ड के गौरवशाली इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि आजादी के बाद जब देश नागरिक सुरक्षा का ढांचा गढ़ रहा था, तब होमगार्ड ने भरोसे और सेवा के रूप में देश को सुरक्षा कवच दिया। चाहे बाढ़ का पानी हो, आग की लपटें हों, बड़ी दुर्घटना हो सबसे पहले जनता को आपका ही खयाल आता है। आप विपदाओं और समाज के बीच चट्टान की तरह खड़े हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि होमगार्ड का जवान उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना सीमा पर खड़ा सैनिक, क्योंकि होमगार्ड राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा के शिल्पकार और समाज की स्थिरता के प्रहरीहैं। उन्होंने कहा कि 2014 में एसडीआरएफ के गठन के बाद होमगार्ड, नागरिक सुरक्षा और एसडीआरएफ मिलकर एक त्रिशूल की तरह आपदा प्रबंधन को नई ऊँचाई दे रहे हैं। पिछले वर्ष 5075 नागरिकों को जीवनदान देकर आपने मानवता को सुरक्षित रखने का अद्वितीय कार्य किया है और इस वर्ष बाढ़ में सैकड़ों लोगों को रेस्क्यू कर देवदूतों की भूमिका निभाई है।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि होमगार्ड की वर्दी केवल वस्त्र नहीं, बल्कि राष्ट्रधर्म और जनता के विश्वास का प्रतीक है। उन्होंने जवानों की भावना को सम्मान देते हुए कहा कि होम गार्ड सैनिक, पुलिस, रक्षक, प्रहरी की भूमिका में जहां जरूरत वहां अपनी सेवायें पूर्ण निष्ठा और समर्पण से देते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने होमगार्ड्स के सभी जवानों को स्थापना दिवस की शुभकामनाएँ दीं और कहा कि आपकी निष्ठा, आपकी वीरता और आपकी सेवा को नमन करता हूँ। उन्होंने बाबा महाकाल से सभी जवानों के स्वास्थ्य और सुरक्षा की कामना की। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शनिवार को होमगार्ड्स परेड ग्राउंड भोपाल में होम गार्ड्स एवं नागरिक सुरक्षा स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की होमगार्ड हित में कई घोषणाएं
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ‘मुख्यमंत्री अदम्य साहसिक कार्य पुरस्कार’ की घोषणा की, जिसके अंतर्गत कठिन परिस्थितियों में जान-माल की रक्षा करने वाली 10 रेस्क्यू टीमों को प्रतिवर्ष 51 हजार रुपये दिए जाएंगे। इसके अंतर्गत इन्दौर, शिवपुरी, गुना, रायसेन, मंडला, नरसिंहपुर, रीवा, छतरपुर, टीकमगढ़ और उज्जैन की रेस्क्यू टीमों को सम्मानित किया गया। उन्होंने तीन वर्ष में मिलने वाले दो माह के बाध्य काल ऑफ को समाप्त करने और प्रतिवर्ष मिलने वाली अनुकंपा अनुदान राशि 360 रुपये को बढ़ाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि उज्जैन स्थित महाकाल ज्योर्तिलिंग एवं महाकाल लोक की व्यवस्था के लिए होमगार्ड के 488 पदों की स्वीकृति दी गई है। प्रदेश के प्रमुख मंदिरों और महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक बल उपलब्ध कराया जाएगा। नए जिलों में आवश्यकता के अनुरूप अतिरिक्त पद सृजित किए जाएंगे। आपदा प्रबंधन में त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता को देखते हुए बल के अधिकारियों और जवानों को कार्यस्थल के निकट आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आपदा प्रबंधक क्षमता को किया जा रहा है सशक्त की योजनाओं, पीपीपी मॉडल और पुनर्घनत्वीकरण योजना के अंतर्गत स्थाई आवास की व्यवस्था की जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सरकार आधुनिक उपकरण, अत्याधुनिक प्रशिक्षण और आपदा प्रबंधन क्षमता को लगातार सशक्त कर रही है। प्रदेश में 82 हजार से अधिक नागरिक सुरक्षा वालंटियर्स पंजीकृत हैं, जिनमें से 67 हजार 784 को विशेष प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इंदौर के रालामंडल क्षेत्र को एसडीईआरएफ, होमगार्ड और सिविल डिफेंस के लिए विशेष प्रशिक्षण केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहाँ बाढ़, भूकंप, भीड़ प्रबंधन, औद्योगिक एवं रासायनिक आपदाओं के प्रशिक्षण संचालित होंगे। सिंहस्थ–2028 को ध्यान में रखते हुए अभी से तैयारी प्रारंभ कर दी गई है और पाँच हजार से अधिक होमगार्ड भर्ती का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि बैगा, भारिया और सहरिया जनजातीय युवाओं को सुरक्षा बलों में भर्ती के लिए प्रशिक्षण देने कंपनी गठित की जाएगी।
श्रीमद्भगवद्गीता के “निष्काम सेवा” संदेश का उल्लेख कर होमगार्ड्स की कर्तव्यनिष्ठा व समर्पण की सराहना। होमगार्ड “साढ़े आठ करोड़ मध्यप्रदेशवासियों के प्रहरी”
होम गार्ड्स ने पिछले वर्ष 5075 नागरिकों को बचाकर “मानवता के रक्षक” होने का उदाहरण प्रस्तुत किए
‘मुख्यमंत्री अदम्य साहसिक कार्य पुरस्कार’ की घोषणा। कठिन परिस्थितियों में जान-माल बचाने वाली 10 रेस्क्यू टीमों को 51-51 हजार रुपये का पुरस्कार। सम्मानित जिले – इन्दौर, शिवपुरी, गुना, रायसेन, मंडला, नरसिंहपुर, रीवा, छतरपुर, टीकमगढ़, उज्जैन
होमगार्ड्स के लिए दो माह का बाध्य काल ऑफ समाप्त
अनुकंपा अनुदान राशि में 360 रुपये की वृद्धि
महाकाल लोक व ज्योर्तिलिंग क्षेत्र की सुरक्षा हेतु 488 पद स्वीकृत
प्रमुख मंदिरों व स्थलों पर सुरक्षा हेतु अतिरिक्त बल उपलब्ध कराया जाएगा
नए जिलों में आवश्यकता के अनुसार अतिरिक्त पद सृजित होंगे
पीपीपी मॉडल और पुनर्घनत्वीयन योजना के अंतर्गत होमगार्ड्स के लिए स्थाई आवास व्यवस्था होगी
सरकार आधुनिक उपकरण, अत्याधुनिक प्रशिक्षण व आपदा प्रबंधन क्षमता को सशक्त कर रही है
इंदौर के रालामंडल क्षेत्र को आपदा प्रबंधन विशेष प्रशिक्षण केंद्र के रूप में किया जा रहा है विकसित
सिंहस्थ–2028 के लिए 5,000 से अधिक होमगार्ड भर्ती का लक्ष्य
विशेष पिछड़ी जनजातियों बैगा, भारिया और सहरिया युवाओं को सुरक्षा बलों में भर्ती के लिए प्रशिक्षण देने कंपनी गठित की जाएगी